
निर्वतमान जिला पदाधिकारी नें अपने चहेतों को ही शस्त्रों का लाईसेंस दिया – धनंजय कुमार सिंह
आरा/भोजपुर
जिला पार्षद आरा सदर सह राजद युवा प्रदेश उपाध्यक्ष धनंजय कुमार सिंह प्रेस ब्यान जारी कर कहा कि जिला में कई पंचायत प्रतिनिधियों एवम उनके परिवार के सदस्यों की हत्यायें हुई तथा कई जनप्रतिनिधियों पर जानलेवा हमलें भी हुवे।
परंतु निर्वतमान जिला पदाधिकारी नें अपने चहेतों को शस्त्रों का लाईसेंस दिया और जिनके पास पहलें से कई लाईसेंस हैं उनके परिजनों को भी लाईसेंस देने की सूचना मिल रही है।उन्होने अपने ब्यान मे कहा है कि कायदे से उन्हें पंचायत प्रतिनिधियों को भी लाईसेंस देना चाहिये था इसलिये कि अपनी जान जोखिम में डाल कर जनप्रतिनिधि रात- दिन कार्य करते हैं।उन्होंने कहा कि आश्चर्य यह है कि इसके लिये कोई सांसद -विधायक-मंत्री आवाज नहीं उठा रहा है, ये लोग सिर्फ अपनें परिजनों और चम्मचों को लाईसेंस दिलवाने में व्यस्त रहतें हैं।इन्हें इनके परिवार के सभी सदस्यों के लिये लाईसेंस चाहिये।इनके आगे-पीछे घुमनें वालें लोगों के लिये भी चाहिये जिससे कि इनके साथ लाइसेंसी हथियार ले कर चलनें वालें लोगों की संख्या बढ़े।उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतित होता है कि इन्हें सुरक्षा के लिये नहीं बल्कि धौंस और धाक जमाने के लिये लाईसेंस चाहिये और यही लोग विधानसभा एवम लोकसभा चुनावों में पंचायत प्रतिनिधियों को आगे कर के लड़ाई लडतें हैं जो कई बार चुनावों के बाद उपजी हिंसा में असमय काल के गाल में भी चले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोग यह भूल जातें हैं कि कभी ऐसा भी समय आ जाये कि जिला के सभी पंचायत प्रतिनिधि यदि विधानसभा और लोकसभा चुनावों में किसी भी प्रत्यासी के लिये वोट नहीं मांगनें के लिये संकल्पित हो जायें तो ईनका क्या होगा ? उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन भी सोचें कि सरकारी कार्यक्रमों और योजनाओं के क्रियान्वयन में यदि समस्त पंचायत प्रतिनिधि सहयोग ना करनें के लिये संकल्पित हो जायें तो वह कैसे इनकी उपेक्षा कर पायेंगे? इस विषय पर जिला के सभी पंचायत प्रतिनिधियों को बैठक कर के अपनी तथा अपनें परिजनों के सुरक्षा के लिये लाईसेंस की मांग और इसके लिये संघर्ष करना चाहिये।उन्होंने प्रेस ब्यान के माध्यम से जिला परिषद के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष, प्रमुख संघ के अध्यक्ष और मुखिया संघ के अध्यक्ष से यह आग्रह किया है कि इस विष्य पर त्वरित संज्ञान लेते हुये लोकतांत्रिक स्तर पर धरना-प्रदर्शन और आंदोलन की रूप-रेखा तैयार करें।